'इंटरनेट' का सही अर्थ है- कम्प्यूटरों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क, जो एक-दूसरे से, इंटरनेट वर्किंग डिवायस यानी इंटरनेट कार्यप्रणाली द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं।

इंटरनेट की शुरूआत 1969 में हुई थी। उस समय इसे आर्यानेट के नाम से जाना जाता था । इसका उपयोग केवल सेना के लिए किया जाता था। इसके पश्चात् इसका विस्तार गैर-सरकारी संगठनों में और अन्य संस्थानों में बढ़ता गया ।

आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी का है और इस युग में इंटरनेट ही एक ऐसा माध्यम है जो वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, उद्योगपतियों, विद्यार्थियों एवं आम लोगों को अपने देश को विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में लाने के लिए प्रेरित कर सकता है।

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने सर्वप्रथम ई०आर०एन०ई०टी० (एजुकेशनल एण्ड रिसर्च नेटवर्क) की शुरूआत की। इंटरनेट कनेक्शन से हमें किसी भी विषय पर विश्वव्यापी सूचना चंद क्षणों में मिल सकती है। सरकारी विभाग और संचार माध्यम, आकाशवाणी और दूरदर्शन भी इंटरनेट की पहुँच से बचे नहीं हैं ।

इंटरनेट ने काफी हद तक विद्यार्थियों की माँगों को पूरा करने का प्रयत्न किया है। आज छात्र इस पर अपने सवालों के जवाब किसी भी प्रतिष्ठित एवं बड़े 'प्रोफेसर' से प्राप्त कर सकते हैं । इसके माध्यम से हम किसी भी अच्छी पुस्तक, अखबार के महत्त्वपूर्ण अंशों को प्राप्त कर सकते हैं । अतः इसे ज्ञान का भंडार भी कहा गया है । इंटरनेट मनोरंजन का माध्यम भी बन चुका

है । आज प्रसारित होने वाले लगभग सभी सेटेलाइट

इंटरनेट से जुड़े हुए हैं । अतः यह न सिर्फ भारतीय

वरन् विदेशी कार्यक्रमों की ओर भी हमें आकर्षित

करते हैं ।

इंटरनेट के बिना आज के विश्व की कल्पना करना भी अब असम्भव सा है । आज इंटरनेट संचार तंत्र का आधार बन चुका है । इंटरनेट को देख पुराने जमाने के उन जादूगरों के जादुई थैलों की याद आती है जो पलक झपकते ही हर चीज ला देते थे । यही कार्य मानव के लिए आज इंटरनेट कर रहा है ।