एक समय ऐसा आया, जब डॉक्टरों ने मुझे बताया अब जीवन के सिर्फ दो ही वर्ष बचे है। डॉक्टर के निर्णय से मैं दुःखी हो गया। लगा कि क्या अपनी पीएचड़ी भी पूरी कर पाऊंगा? लेकिन बाद में स्थिति सुधरी, तो रिसर्च की गति भी बढ़ गई। ये बीमारी के बाद की स्थिति थी। लेकिन मोटर न्यूरॉन रोग होने के पहले मैं जीवन से ऊब चुका था। पर जल्दी आने वाली मौत की आशंका ने मुझे जीवन का महत्व समझा दिया। मेरी समझ में आया कि जीवन जीने के लिए है। मेरे लिए हर दिन बोनस की तरह था और मेरे पास मौजूद-साथ मौजूद हर एक चीज की मैं सराहना करने लगा, जो है उस पर खुश रहने लगा। हम अपने जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं। हर एक कर सकता है। यह रोग किसी के लिए भी कष्टप्रद है। पर मेरे लिए अन्य लोगों की तुलना में वह कम कष्टमय लगा। मेरी धारणा है कि मेरे जीवन पर मेरा अपना ही नियंत्रण होना चाहिए। कई बार हम देखते हैं कि विकलांग व्यक्ति आश्रित हो जाते हैं, दूसरों की इच्छा से अपना जीवन बिताते जीते हैं। डिसेबल्ड लोगों के लिए मेरी सलाह है, आप उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हें करने के आड़े आपकी डिसेबिलिटी नहीं आती। आत्मा से + डिसेबल न बनें, न ही शारीरिक रूप से। जीवन सामान्य नहीं है। लेकिन क्षमता, जोश, उत्साह, हिम्मत के मायनों में बिलकुल सामान्य है।

जीवन और इससे जुड़ी सभी बातें मुझे बेहद पसंद हैं। मेरी मुख्य गैर वैज्ञानिक रुचियां संगीत और इतिहास हैं। इसमें मुझे आनंद मिलता है। मूलतः मैं अंतर्मुखी किस्म का इंसान हूं और भाषण मेरे लिए मुश्किल है। इसलिए मेरी अंतर्मुखता बढ़ी है। बचपन में मैं बहुत वाचाल के रूप में पहचाना जाता था। अपने आपको प्रोत्साहित करने के लिए परिवार के सदस्यों और मित्रों से संवाद करना मुझे हमेशा अच्छा लगता था। चर्चा के दौरान अन्य व्यक्ति शायद अधिक नहीं बोलते हों, फिर भी मुझे ऐसी चर्चा बहुत अच्छी लगती हैं, क्योंकि इससे मुझे अधिक विचार सूझते थे।

मैं कई विज्ञान-कथाएं पढ़ता हूं। वैज्ञानिक क्षेत्र में ही मैं कार्यरत हूं। विज्ञान-कथा मुझे कुछ-कुछ सरल सुलभ लगती है, लेकिन सत्य का विज्ञान काल्पनिक विज्ञान की अपेक्षा अधिक उत्साह बढ़ाने वाला और प्रोत्साहित करने वाला होता है। क्योंकि वह प्रत्यक्षतः घटित घटनाओं का अध्ययन करता है। मेरा मानना है कि जो लोग अपने आईक्यू के बारे में शेखी बघारते-फिरते हैं, वे लूजर्स होते हैं। हमें अपनी गलतियां स्वीकार करना भी आना चाहिए। अगर अगली बार कोई आपकी गलती बताए तो उन्हें बताएं कि यह अच्छी बात है क्योंकि कमियों के बिना न आपका अस्तित्व है, न मेरा।
-स्टीफन हॉकिंग, प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी